गणेश जी मंत्र वक्रतुंड महाकाय – 2024 पूरी जानकारी हिंदी में

नमस्कार दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से आपको गणेश जी मंत्र वक्रतुंड महाकाय के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे यह श्री गणेश जी का एक चमत्कारी मंत्र है श्री गणेश जी के कई सारे मंत्र हैं लेकिन वक्रतुंड महाकाय एक विशेष मंत्र माना जाता है

इस मंत्र के उच्चारण मात्र से भगवान श्री गणेश जी को प्रसन्न किया जा सकता है एवं उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है यह मंत्र श्री गणेश जी के सभी रूपों के बारे में हमें बताता है इस मंत्र की प्रसिद्ध का पता आप इस बात से भी लगा सकते हैं

गणेश मंत्र हिंदी अर्थ सहित 2024

जब हिंदू धर्म में शादियां होती है और उनके कार्ड बांटे जाते हैं तो कार्ड के ऊपर सबसे पहले इस मंत्र को लिखा जाता है एवं कोई भी शुभ कार्य करने से पहले इस मंत्र का जाप किया जाता है इसके अलावा कोई भी विशेष प्रयोजन करवाने के लिए अगर कोई पूजा पाठ की जाती है तो उसमें भी इस मंत्र का उपयोग किया जाता है

इस मंत्र का विधि विधान के साथ जब करके कोई भी कार्य करने पर श्री गणेश जी की विशेष कृपा होती है और कभी उसे कार्य में कोई भी संकट नहीं आ सकता है इसलिए इस मंत्र का उपयोग धार्मिक अनुष्ठान ऑन एवं पूजा पाठ में किया जाता है

इस लेख में आपको गणेश जी मंत्र वक्रतुंड महाकाय के साथ-साथ इसका अर्थ भी देखने को मिलेगा तो लिए इस मंत्र के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं

गणेश जी मंत्र वक्रतुंड महाकाय

गणेश जी मंत्र वक्रतुंड महाकाय

1. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ: निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

श्री गणेश जी के अन्य मंत्र

2. वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं। नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥

3. अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते । मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः ॥

4. एकदन्ताय शुद्घाय सुमुखाय नमो नमः। प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने ॥

गणेश जी मंत्र वक्रतुंड महाकाय हिंदी अर्थ  

गणेश जी मंत्र वक्रतुंड महाकाय हिंदी अर्थ  

जिसका बहुत विशाल शरीर है एक बड़ी सी घुमावदार सूंड हैं जिनका शौर्य करोड़ सूर्य के समान है जो असंभव कार्य को भी संभव करते हैं जो सभी कार्य को सफल बनाते हैं

गणेश पूजा मंत्र इन संस्कृत

ऐसे शौर्यवान गणेश जी को मेरा श्रद्धापूर्वक प्रणाम इस मंत्र के द्वारा श्री गणेश जी के विशाल शरीर का वर्णन किया गया है इस मंत्र में श्री गणेश जी के सूर्य का भी वर्णन किया गया है और गणेश जी को सर्व कार्य सफल करने वाले देवता बताया गया है

हनुमान जंजीरा मंत्र

गणेश जी मंत्र वक्रतुंड महाकाय जप कैसे करें

गणेश जी मंत्र वक्रतुंड महाकाय जप कैसे करें

श्री गणेश जी के इस मंत्र का जाप करने के लिए आपको गणेश जी की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करनी होगी अगर आपके पास गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर नहीं है तो आप गणेश मंदिर में जाकर इस मंत्र का जाप कर सकते हैं आपको नित्य क्रिया से निवृत होकर इस मूर्ति के सामने बैठ जाना है और 1008 बार वक्रतुंड महाकाय मंत्र का जाप करना है

अगर यह कार्य आप प्रतिदिन करते हैं तो आपके किसी भी कार्य में बाधा नहीं आएगी और श्री गणेश जी की कृपा आपके घर पर सदा बनी रहेगी इस मंत्र का जाप आपको समय भी कर सकते हैं जब आपके घर में कोई मंगल कार्य शुरू हो रहा हो

निष्कर्ष

इस लेख में हमारे द्वारा वक्रतुंड महाकाय मंत्र के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई है इसके साथ ही वक्रतुंड महाकाय मंत्र का अर्थ भी इस लेख के माध्यम से बताया गया है अगर आप इस मंत्र का जाप करते हैं तो आपको कौन-कौन से लाभ हो सकते हैं यह सभी जानकारी हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई है

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