शिव नमस्काराथा मंत्र 2024 – Namaskaratha Mantra Lyrics in hindi

Namaskaratha Mantra Lyrics in hindi- नमस्कार शिव भक्तों आज हम इस लेख के माध्यम से आपको शिव नमस्काराथा मंत्र के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं इस लेख के माध्यम से हम आपको शिव नमस्काराथा मंत्र का अर्थ एवं अनुवाद करके विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे यह शिव मंत्र भगवान शिव का एक बहुत ही चमत्कारी मंत्र है.

इस मंत्र के माध्यम से आप भगवान शिव को बहुत जल्दी प्रसन्न कर सकते हैं और भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के ऊपर कृपा दृष्टि करते हैं इसलिए आपको shive Namaskaratha Mantra  का जाप करना चाहिए इस मंत्र के बारे में विस्तार से जानकारी हम इस लेख के माध्यम से प्रदान करेंगे

Namaskaratha Mantra Lyrics

ॐ नमो

हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय हिरण्यपतए

अंबिका पतए उमा पतए पशूपतए नमो नमः॥
ईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम् ब्रह्मादीपते ब्रह्मनोदिपते ब्रह्मा शिवो

अस्तु सदा शिवोहम।
तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात्,

महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात्।
नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय,

त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय सर्वेश्वराय।
सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः॥
श्रीमान महादेवाय नमः॥
॥ॐ शांति शांति शांति॥

Namaskaratha Mantra Lyrics in hindi

Namaskaratha Mantra Lyrics in hindi

“ॐ नमो – इस मंत्र की शुरुआत में ‘ॐ’ का उपयोग किया गया है, जो ब्रह्मांड की आदि और अंत का प्रतीक है, और ‘नमो’ का अर्थ है ‘नमन’ या ‘प्रणाम।’

हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय हिरण्यपतए – यहां ‘हिरण्य’ शब्द का उपयोग हुआ है, जो सृष्टि के सूक्ष्म और सूक्ष्मतम रूप को संकेत करता है, और ‘पतए’ शब्द का अर्थ है ‘पति’ या ‘ईश्वर।’ इसका अर्थ है ‘हे हिरण्यबाहु, हे हिरण्यवर्ण, हे हिरण्यरूप, हे हिरण्यपति, हम आपको प्रणाम करते हैं।’

अंबिका पतए उमा पतए पशूपतए – इस भाग में देवी दुर्गा को ‘अंबिका’ और ‘उमा’ के नाम से जाना जाता है, और भगवान शिव को ‘पशूपति’ के नाम से जाना गया है। इसका अर्थ है ‘हे अंबिका, हे उमा, हे पशूपति, हम आपको प्रणाम करते हैं।’

ईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम् ब्रह्मादीपते ब्रह्मनोदिपते ब्रह्मा शिवो – इस भाग में ब्रह्मा, विष्णु, और महेश्वर (शिव) के रूप में ब्रह्मांड के निर्माण के लिए जिम्मेदार ईश्वरों का स्तुति किया गया है।

अस्तु सदा शिवोहम – इसका अर्थ है ‘हमें हमेशा शिव ही बनाए रखें।’

तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात् – इस भाग में भगवान शिव के विशिष्ट रूप का मन्त्र है, जिसे मनन करके शक्तियों को जागरूक किया जाता है।

महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात् – इस भाग में भगवान शिव के महादेव और रुद्र रूप का मन्त्र है, जिसका अर्थ है ‘हम भगवान महादेव और रुद्र को जानते हैं और हमें वे प्रेरित करें।’

नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय, त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय सर्वेश्वराय – इस भाग में भगवान शिव के विभिन्न रूपों और उनकी महत्त्वपूर्ण गुणों का वर्णन है, और उनका नमस्कार किया जा रहा है।

सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः – इसका अर्थ है ‘हे सदशिव, हे श्रीमान, हे महादेव, हम आपको नमस्कार करते हैं।’

श्रीमान महादेवाय नमः – इसका अर्थ भी है ‘हे महादेव, हम आपको नमस्कार करते हैं।’

ॐ शांति शांति शांति – इसका अर्थ है ‘शांति हो, शांति हो, शांति हो’ और यह एक शांति प्रार्थना का हिस्सा है, जिसमें सारे ब्रह्मांड के लिए शांति की प्रार्थना की जाती है।’

शिव नमस्काराथा मंत्र

ॐ नमो

हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय हिरण्यपतए

अंबिका पतए उमा पतए पशूपतए नमो नमः॥
ईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम् ब्रह्मादीपते ब्रह्मनोदिपते ब्रह्मा शिवो

अस्तु सदा शिवोहम।
तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात्,

महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात्।
नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय,

त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय सर्वेश्वराय।
सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः॥
श्रीमान महादेवाय नमः॥
॥ॐ शांति शांति शांति॥

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