Shani Mantra «14 शनि मंत्र भाग्य बदल देंगे आपका – 2024

महत्वपूर्ण जानकारी

नमस्कार शनि भक्तों आज हम इस लेख के माध्यम से आपको शनिदेव भगवान के सभी प्रकार के Shani Mantra का ज्ञान करवाएंगे एवं मंत्र का अर्थ  भी इस लेख के माध्यम से बताया जाएगा इस लेख में हम उन सभी मंत्रों का उल्लेख करेंगे जिनका वाचन करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के ऊपर कृपा करते हैं

शनि देव मंत्र का जाप करने से बहुत जल्दी प्रश्न होते हैं एवं अपने भक्तों पर शीघ्र कृपा करते हैं शनि मंत्र का जाप करने वाले भक्तों पर कभी भी शनि देव की दशा का प्रभाव नहीं पड़ता है हम इस लेख के माध्यम से आपको Shani Mantra के सभी प्रभावी मंत्रों के बारे में ज्ञान प्रदान करने वाले हैं

Shani Mantra

Shani Mantra के माध्यम से शनि देव की कृपा कैसे प्राप्त करें

अगर आप शनि भगवान की शीघ्र कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको शनि की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ आपको इस लेख में बताए गए मंत्रों उच्चारण का भी विधिवत तरीके से करना होगा जो भक्त शनि मंत्रों का जाप करता है उसे भक्त पर शनि देव की शनि दशा का प्रभाव कभी नहीं पड़ता है शनि देव की शनि दशा से बचने का यही एक मात्र रास्ता है कि आपको शनि देव के Shani Mantra का उच्चारण करना हो««गा

शनि मंत्र जाप विधि   

Shani देव की शीघ्र कृपा प्राप्त करने वाले मंत्र

1. शनि एकाक्षरी मंत्र (Shani Ekashari Mantra)

 शनि एकाक्षरी मंत्र (Shani Ekashari Mantra)

  • ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।

मंत्र का अर्थ-  इस मंत्र का  शनि देव की साडेसाती से बचने के लिए किया जाता है यह शनि ग्रह का मंत्र है जो एक बहुत ही पावरफुल मंत्र है

2. शनि का वैदिक मंत्र – shani ka vaidik mantra

शनि का वैदिक मंत्र - shani ka vaidik mantra

  • ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।

मंत्र का अर्थ- “ऊँ” – यह एक प्राणाकार मात्रा है जो ध्यान और आध्यात्मिकता के साथ जुड़ा होता है।

“शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो” – यह भगवान की कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करता है, विशेष रूप से जल की आशीर्वाद के लिए।

“भवन्तु पीतये” – यह प्राणीओं को पीने के लिए पवित्र जल का आशीर्वाद मांगता है। “शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः” – इस अंत में जल की पवित्रता और शुद्धता की रक्षा के लिए प्रार्थना की जाती है।

3. सेहत के लिए शनि मंत्र- sehat ke lie shani mantra

 सेहत के लिए शनि मंत्र- sehat ke lie shani mantra

  • ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
  • कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
  • शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
  • दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।

मंत्र का अर्थ- यह मंत्र  विवाहित और अविवाहित पत्नियों के बीच के संबंधों को सुखमय और शांतिपूर्ण बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है। 

4. तांत्रिक शनि मंत्र- tantrik shani mantra

तांत्रिक शनि मंत्र- tantrik shani mantra

  • ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

मंत्र का अर्थ- यह मंत्र शनि ग्रह को समर्पित किया जाता है और शनि ग्रह की शांति और कृपा की कामना करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है

5. शनि बीज मंत्र (shani beej mantra)

5. शनि बीज मंत्र (shani beej mantra)

  • ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

मंत्र का अर्थ- इस मंत्र का जाप शनि ग्रह की शांति एवं कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है

6. सामान्य मंत्र- samanye shani mantra

सामान्य मंत्र- samanye shani mantra

  • ॐ शं शनैश्चराय नमः।

मंत्र का अर्थ- इस मंत्र का उपयोग भी शनि ग्रह की शांति एवं कृपा प्राप्त करने के उद्देश्य से  किया जाता है इस मंत्र का जाप करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है

7. शनि गायत्री मंत्र- shani gayatri mantra

  • ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

मंत्र का अर्थ- इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से सुरक्षित रह सकता है और अधिक  सुगमता प्राप्त कर सकता है। यह शनि ग्रह के प्रति भक्ति और समर्पण की भक्ति का एक मंत्र है  

 शनि गायत्री मंत्र- shani gayatri mantra

8. शनि दोष निवारण मंत्र- shani dosh nivaran mantra

8. शनि दोष निवारण मंत्र- shani dosh nivaran mantra

  • ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
  • उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
  • ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
  • ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।

मंत्र का अर्थ- इस मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति के ऊपर से शनि दोष का निवारण शीघ्रता से होता है

 9. शनि महामंत्र- shani mahamantra

 शनि महामंत्र- shani mahamantra

  • ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
  • छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

मंत्र का अर्थ- इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति शनि ग्रह से सुरक्षित रह सकता है और अधिक सुगमता प्राप्त कर सकता है। यह शनि ग्रह के प्रति भक्ति और समर्पण की एक प्रकार है और व्यक्ति को उसकी कृपा को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

10. शनि का पौराणिक मंत्र- shani ka pauranik mantra

 शनि का पौराणिक मंत्र- shani ka pauranik mantra

  • ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
  • छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

मंत्र का अर्थ- इस मंत्र का उच्चारण करने से व्यक्ति शनि ग्रह से  बच सकता है और शनि देव की कृपा प्राप्त कर सकता है यदि इस मंत्र का उच्चारण विधि का तरीका से किया जाए

11. शनि मंत्र- shani mantra

. शनि मंत्र- shani mantra

  • ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
  • कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
  • शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
  • दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।

मंत्र का अर्थ- इस मंत्र का जब दुख निवारण करने एवं व्यक्ति के सभी रोगों का नाश करने के लिए किया जाता है इस मंत्र का उच्चारण करने से सभी दुखों का नाश हो जाता है

12. सफल जीवन के लिए शनि मंत्र - safal  jeevan ke liye shani mantra

12. सफल जीवन के लिए शनि मंत्र – safal  jeevan ke liye shani mantra

  • अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
  • दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
  • गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
  • आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।

मंत्र का अर्थ- इस मंत्र का अपराध गरीबी या अपराध से मुक्ति प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है इस मंत्र का जब से ईश्वर से क्षमा मानी जाती है और ईश्वर सभी अपराधों को क्षमा कर देते हैं

13. शनि  वैदिक मंत्र- shani vedik mantra

 शनि  वैदिक मंत्र- shani vedik mantra

  • ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।

मंत्र का अर्थ- इस मंत्र का उपयोग शनिदेव से अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए किया जाता है इस मंत्र का जाप करके आप जो मनोकामना मांगते हैं वह अवश्य पूर्ण होती है

14. साढ़ेसाती से बचने का शनि मंत्र

 साढ़ेसाती से बचने का शनि मंत्र

  • ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
  • उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।
  • ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।
  • ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।

मंत्र का अर्थ- इस मंत्र का जाप शनिदेव की साडेसाती से बचने के लिए किया जाता है अगर कोई व्यक्ति इस Shani Mantra का जाप करता है तो वह शनि देव की साडेसाती से सदा सुरक्षित रहता है

शनि देव पूजा विधि | Shani Dev Puja Vidhi

शनि देव पूजा विधि | Shani Dev Puja Vidhi

  • शनि देव की पूजा शनिवार के दिन की जाती है
  • शनि महाराज की कृपा प्राप्त करने के लिए सुबह जल्दी ब्रह्म मुहूर्त में उठे
  • अपने दिन की शुरुआत शनिदेव को प्रणाम करने के साथ करें
  • हाथ की हथेली में जल रखकर स्नान करते समय शनि देव को समर्पित करें
  • शनि देव की पूजन करते समय काले रंग के वस्त्र पहने
  • शनि मंदिर जाकर शनि देव की पूरी विधि विधान के साथ पूजा करें
  • शनि देव के ऊपर दिए गए सभी मित्रों का जाप एकाग्र होता करें
  • शनि देव को सिर्फ तेल चढ़ाया जाता है
  • तेल शनिदेव की सबसे प्रिय सामग्री है
  • अपनी पूजा सामग्री में तेल को जरूर शामिल
शनि मंत्र जाप के सभी लाभ

शनि मंत्र जाप के सभी लाभ

  • शनि देव का मंत्र जाप करने से शनि देव की कृपा सदा बनी रहती है
  • शनि देव का मंत्र जाप करने से शनि के साडेसाती का प्रभाव कभी नहीं पड़ता है
  • अगर आप नियमित शनि देव के मित्रों का जाप करते हैं तो आपको धन की कमी कभी नहीं आती है
  • शनि देव के मंत्र जाप आपके जीवन में संकट एवं दुखो से बचाता है
  • शनि देव का मंत्र जाप आपको भाग्य को भी बदल सकता है
  • शनि देव के यह मंत्र बहुत ही तेजवान मंत्र हैं
  • शनि देव मंत्र जाप करने वाले भक्तों पर कभी दुख का साया भी नहीं पढ़ने देते हैं

शनि देव एवं पूजा विधि के बारे में कुछ प्रश्न

शनि देव एवं पूजा विधि के बारे में कुछ प्रश्न

Q. कौन सा शनि मंत्र शक्तिशाली है?

  • अगर आप विधि विधान से शनि देव के किसी भी Shani Mantra का जाप करते हैं तो आपको इसका फल जरुर प्राप्त होता है शनि देव के सभी मंत्र शक्तिशाली हैं

Q. शनि मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?

  • शनि देव के किसी भी Shani Mantra का 108 बार जाप करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामना पूर्ण करते हैं

Q. शनिवार को सुबह कितने बजे जल चढ़ाना चाहिए?

  • अगर आप शनिदेव को जल अर्पित करने जा रहे हैं तो आपको शनिवार के दिन सूर्य उदय से पहले शनि को जल अर्पित करना चाहिए

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