सुंदरकांड की 11 चौपाई ! अर्थ सहित

नमस्कार भक्तों इस लेख के माध्यम से हम आपको सुंदरकांड की 11 चौपाई के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे इसके साथ ही हम इन चौपाइयों को अर्थ सहित आपको समझाएंगे हनुमान जी सुंदरकांड की इन चौपाइयों का पाठ करने से हमारे सभी प्रकार के दुख दर्द समाप्त हो जाते हैं और हनुमान जी की कृपा दृष्टि हमारे ऊपर पड़ती है

सुंदरकांड की 11 चौपाई

सुंदरकांड की 11 चौपाई

क्रमांक चौपाई सुंदरकांड की 11 का चौपाई अर्थ
1 हनुमान बालक बुद्धिमान तेहि अब जानीहिं। हनुमान जी एक बालक बुद्धि हैं और इस बात का पता लग चुका है
2 रावण देह मरी जानकी बीर सभ जानीहिं। रावण की मृत्यु हो चुकी है और सीता माता हनुमान जी को पूरी तरह से जान चुकी है
3 जय जय जय हनुमान गोसाईं। हे गोसाईं हनुमान जी तुम्हारी जय हो
4 कृपा करहु गुरुदेव की नाईं। हे हनुमान जी आप मेरे गुरुदेव हो मेरी रक्षा करो
5 जो सतबार पाठ कर कोई। जो हनुमान चालीसा का सात बार पाठ करता है
6 छूटहि बंदि महा सुख होई। उसकी सभी दुख दर्द से मुक्ति मिल जाती है
7 जो यह पढ़े हनुमान चालीसा। जो इंसान हनुमान चालीसा को पड़ता है
8 होय सिद्धि साखी गौरीसा। उसको हनुमान जी के सिद्धि प्राप्त होती हैं
9 तुलसीदास सदा हरि चेरा। तुलसीदास जी ने हमेशा भगवान की भक्ति की है
10 की जय नाथ हृदय महँ बसहिं। हे प्रभु आपके दर्शन सदा हमारे हृदय में विराजमान रहे
11 सिद्ध कही सुरास हरि अस वर दिन जायं। सिद्ध और शोर का यह कहना है कि हरि का नाम दिन-रात जपने से सभी प्रकार के दुख और संकट समाप्त हो जाते हैं

 

सुंदरकांड की 11 चौपाई का वीडियो

कार्य सिद्धि मंत्र

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